दुर्गा का अवतार बुराई को खत्म करने के लिए हुआ ,दुर्गा नारी का प्रतीक है । शक्ति का प्रतीक है । हम सभी दुर्गा पूजा का उत्सव बडी़ श्रद्धा से मनाते हैं । नवरात्रि दुर्गा के सभी रुपों को पूजते हैं । नारी के कन्या रुप को पूजते हैं । लेकिन क्या हमने इस उत्सव के संदेश को समझा है ? शक्ति के संदेशों को आत्म सात किया है।? अगर हां तो हमारे समाज में महिषासुर ,जैसी अनेक ताकतें कैसे बढ़ रही हैं ?हमारे देश के विभिन्न भागों से किशोरियों के ऊपर हमले ,बलात्कार किशोरियों की निर्मम हत्या की खबरें कैसे सुर्खियों में रहती हैं । मतलब साफ है कि हमने शक्ति की पूजा की उसका सम्मान करना नहीं सीखा
अनेक असुरी ताकतों के संहार के लिए सारे देवताओं ने मिलकर दुर्गा को शक्ति दी थी । आज जरुरत है कि देवों की भांति समाज के सभी साधुजन मिलकर समाज मे शक्ति की उपासना के साथ नारी शक्ति का सम्मान की शिक्षा अपने घरों से ही बालक और बालिकाओं को दें और समाज की कालिमा को हटाने में अपना योगदान दें ताकि समाज प्रदूषण मुक्त हो, असुरी सोच से मुक्त हो, शक्ति का सम्मान हो !
सोच की शुचिता ही उत्सव के महत्व को प्रोत्साहित कर सकतीहै वर्ना किशोरियों की सिसकियां बस यूंही साल दर साल झांझ ,मंजीरों की आवाज में दफन होती रहेगी