हम जब भी अटलांटिस के बारे में सोचते हैं, हमारी आँखों के सामने सागर में डूबी एक भव्य सभ्यता नजर आने लगती है। अटलांटिस देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र सर्वप्रथम प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘टाइमियस’ और ‘क्रिटियास’ में किया था। कहते हैं अटलांटिस का विज्ञान आज के विज्ञान से हजारों गुना ज्यादा बेहतर था। पर एक दिन धरती के जोर से हिलने की वजह से पूरी अटलांटिस सभ्यता कहीं सागर में समा गई। तब से लेकर आज तक वैज्ञानिक, आर्कियोलॉजिस्ट उस सभ्यता को ढूंढने का प्रयत्न कर रहे हैं। ईश्वर को ब्रह्मांड के निर्माण के लिये 7 तत्वों की आवश्यकता थी- अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश, ध्वनि और प्रकाश। इन 7 तत्वों से ईश्वर ने ब्रह्मांड का निर्माण किया। पर अभी भी ईश्वर की सबसे अद्वितीय रचना बाकी थी और वह थी जीवन की उत्पत्ति। जीवन की उत्पत्ति के लिये ईश्वर ने ‘ब्रह्मकण’ का निर्माण किया, जिसे अंग्रेजी में ‘गॉड-पार्टिकल’ या 'हिग्स-बोसन' कहा जाता है। इस ब्रह्मकण ने ब्रह्मांड के हर जीव का निर्माण किया। क्या था यह ब्रह्मकण? जिसने अलग-अलग प्रकार के अरबों-खरबों जीवों की रचना की, जिसने इन्हें इतना अलग-अलग बनाया। इस कथानक में जहां एक ओर तिलिस्म, जादू, चमत्कार और रहस्य है, वहीं दूसरी ओर विज्ञान की एक अद्भुत दुनिया है, जो बिग-बैंग, ब्लैक होल, नेबुला और डार्क मैटर जैसे सिद्धांतों को खोलती है। पौराणिक कथाओं और विज्ञान के ताने बाने से बुना हुआ एक अद्भुत कथानक।
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