हिमाचल की शैलपुत्री,धैर्य व शक्ति की मूर्ति महान,
ब्रह्मचारिणी तप की देवी, देती अद्भुत ज्ञान वरदान।
वीरस्वरूपा माँ चन्द्र घंटा, शत्रुओं का करती संहार,
कूष्मांडा सृष्टि की जननी, मुस्कान से जग साकार।
स्कंदमाता ममता की सूरत, संतान सुख देती अपार,
कात्यायनी है शक्ति की देवी, हर संकट करती छार।
कालरात्रि का रूप भयानक, अज्ञानांधकार मिटाए,
महागौरी शांति की देवी,जीवन को निर्मल कर जाए।
सिद्धिदात्री देती सिद्धि, हर योग की दात्री माँ वरदान,
नवदुर्गा की महिमा अनंत, करती वे सबका कल्याण।
दुर्गा, माँ, शक्ति का तुम स्रोत सुख का हो तुम उपहार बिन तेरे जीवन अंधकार मां सरसाओ ममता की धार
नवरात्रि में हम ये मांगें,भक्ति का दीपक सदा जलाएं,
आशीर्वाद से सजे ये मन ,माँ प्रेम से तेरे गुण हम गायें।
स्वरचित डॉक्टर विजय लक्ष्मी