"ऋतु की सौगत जाड़ा गर्मी बरसात"समय समय की बात है शायद यही तो ऋतुओं की सौगात है। गर्मी जाड़ा और बरसात हमारे साथ साथ है पर हम भूल जाते हैं प्रकृति के तासीर को और मनमानी करने से बाज नही आते। कभी तो हम इतने गरम हो जाते हैं कि शरीर के वस्त्र तक उतार फेंफते है और जब भीगते हैं तो