होली जोगिरा गीत ...... “बुरा न मानों होली में” उडी हवा हैं रंग भंग की छानो मेरे यार भौजी झाँके घर के बाहर पका रही अंचार...... जोगिरा सर र र र र र -1 कैसी कुर्ती कैसी टोपी कैसी री सलवार भीग रही है गोरी दैया बिना रंग बौंछार.......... जोगिरा सर र र र र र-2 सम्हल