छंद लावणी मात्रा भार- ३०. (चौपाई १४). १६ ३० पर यति पदांत – आर समान्त- अरो“गीतिका”प्रति मन में भोली श्रद्धा हो ऐसा शुद्ध विचार भरो मानव का कहीं दिल न टूटे कुछ ऐसा व्यवहार करोजगह जगह ममता की गांछें डाली सुंदर फूल खिले समय समय पर इक दूजे को पीड़ाहर उपकार धरो॥ मत कर अब अ