उम्मीद हर किसी से हो या न हो, पर खुद से जरूर होनी चाहिए,अगर उम्मीद न रहे तो सब बिखर सा जाता ,अगर वही उम्मीद बनी रहे तो सब सवंर जाता है ,कुछ नया करने के लिए ,आगे बढ़ने के लिए ,सपनो की उड़ान भरने ,
*उम्मीद *---------नफरत भरी ,निगाहों में भी ,हमने..प्यार देखा है ,लोगों के,इनकार में भी ,इकरार देखा है ,जी करता है,डूब जाऊं ,दुनिया के ,प्यार में ,उम्मीदों के,बहार में ,सपनों को,सकार देखा है।सुनील कुमा