दूनिया में आए हैं तन्हा जाएंगे भी तन्हा,
तो कया सांस भी लेता है हर कोई तन्हा.
मन तन्हा, अलग अलग हैं ख्याल तन्हा,
दिल तन्हा, उठ रहे सभी जज्बात तन्हा.
आंखें दो मगर रहती हमेशा तन्हा तन्हा,
दिमाग भी तो करता अपना काम तन्हा.
तन्हा कोई डर नहीं, तपस्या होती तन्हा,
तन्हाई को जो समझा, मक़सद है तन्हा.
तन्हा तन्हा, ख़ामोशी की जुबां ही तन्हा,
खुद को तन्हा न समझ,तन्हा कब तन्हा.