shabd-logo

होली की राम राम

2 मार्च 2018

168 बार देखा गया 168
होली राधेश्याम की और होली ना कोय जो मन चढ़े प्रेम रंग तो रंग चढ़े ना कोई गीत उमंग के छाए मन मीत मील जाए भुले बीसरे हो कोई मेल हो तो धुल जाए खुशीया छाए दिल खील खीलाए फागुन छाए अलहद वाला होली रंग नीखर के आए बीछुरे मीत हो या बीछुरे साजन खुशी खुशी सो मील जाए अबके होली आपके आंगन झुम झुम के खुशिया आए। होली की राम राम सा

shekhar singh sisodiya की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए