गजल-शब्दों को बातों मे रहने दे तो अच्छा है,
शब्दों को बातों मे रहने दे तो अच्छा है,
चाँद को रातों मे रहने दे तो अच्छा है,
बहुत ही धोखे बाज है ये दुनिया तेरे
हाथों को मेरे हाथों मे रहने दे तो
अच्छा है,
तेरे अपनो के रिश्तों से अलग मेरे दिल
का रिश्ता है इसे रिश्ते नातो मे रहने दे
तो अच्छा है,
तेरा प्यार बाँटने का सिलसिला बडा
अजीब सा है ''हेमराज'' इसे तू खैरातो
मे रहने दे तो अच्छा है,
तेरे मेरे गिले-शिकवे के चर्चे गैरो से
क्यों करता है इन्हें मुलकातो मे रहने
दे तो अच्छा है,
ये तेरा बिन मौसम बरसने का अंदाज
रास नहीं आया "हेमराज" इसे तू बरसातो मे रहने दे तो अच्छा है,
(हेमराजसिंह राजपूत)