साथ तुम्हारा जन्नत से कम नहीं है,
तुम हो पास, मन्नत से कम नहीं है .
दूर होते ही तुमसे, बिखर जाता हूँ,
और होना सल्तनत से कम नहीं है.
हंसना व रो देना नहीं कदापि नहीं,
खिलखिलाना फूल से कम नहीं है.
पल अब हसीन तो नहीं गमगीन है,
अलग अलग हम यारो सम नहीं है.
भटकना हमारा तुम पर रूकता है,
सुलझ जाए ऐसा कही दम नहीं है.