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"पुरस्कार " देते क्यों नहीं?

14 नवम्बर 2018

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"पुरस्कार " देते क्यों नहीं? क्या जांच का तरीका बदल गया है कोई समझौता कोई सौदा कोई लोभ कोई भय कुछ नहीं है तो पुरस्कार देते क्यों नहीं! सारी दुनिया चाह रही है किस सोच में हो नहीं बताओगे न बताओ पुरस्कार तो दे दो।

अनिलकुमार सोनी की अन्य किताबें

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ठंड में आग और प्रदूषण

5 नवम्बर 2017
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ठंड में आग और प्रदूषण भारत कृषि प्रधानदेश है ।खरीब की फसलें तैयार हैं।फसल कटने के बाद खेतों में आग लगा दी जाती है जिसका धूंआ हवा के माध्यम सेसारे देश में फैल जाता है इसे रोकना सरकार का काम है पटवारी और कोटवार इस समस्या पर ध्यान दे सकते हैंअनिलकुमार सोनी

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ठंड में आग और प्रदूषण

5 नवम्बर 2017
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भारत कृषि प्रधानदेश है ।खरीब की फसलें तैयार हैं।फसल कटने के बाद खेतों में आग लगा दी जाती है जिसका धूंआ हवा के माध्यम सेसारे देश में फैल जाता है इसे रोकना सरकार का काम है पटवारी और कोटवार इस समस्या पर ध्यान दे सकते हैंअनिलकुमार सोनी

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"हाइकु"

5 नवम्बर 2017
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शब्द जोड़िएवाक्य बनाऐ दोस्तशब्दनगरी।

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नींद सबको आती है

5 नवम्बर 2017
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पटाखों ने इनकी नींद उड़ा दी है

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"दो घूट चाय की"

6 नवम्बर 2017
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चाह ऐ गिलास में होयाकेतली में गरम हो ठंड में दो घूट चाय की।शक्कर की हो यागुड़ की अदरक और चायपत्ती तेज होबस दो घूट चाय की।।

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"जिंदगी"

13 नवम्बर 2017
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जिंदगीलुड़क रही किसान की और आम की ।जिंदगी पैसा और रुपयों केबिना भी खचड़ रहीजिंदगी।सबालों और आन्दोलनों में कौन बना करोड़पति देखते देखते !किसान हैं कहे जाते हैं अन्नदाता भोजन का मंत्र याद हैभोजन नहीं है! थाली में । कहां तक ताली बजाकरअभिवादन करें इनकास्वतः ही सम्मानित होगें अब ये।

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"जहरीला धुआँ और हम "

14 नवम्बर 2017
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आप और हम मिलकर प्रदूषण की समस्या कोहल कर सकते हैंबस आपको संकल्पलेना होगाकचरा को न जलायें खेतों में धान कट ने के बाद डंठलों हटाने के लियेखेतों में आग लगाने का प्रचलन हुआमध्यप्रदेश में भी खेतों में आग लगाने की प्रथाका चलन खूब हैहवा के रास्ते मध्यप्रदेश से चारों दिशाओं में अर्थातउत्तर दक्षिण पूर्व पश्

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"हिमालय की आलोचना'

14 नवम्बर 2017
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हिमालय की आलोचना जो चोटी पर चढ़ गये सराहा गया और वे जो फिसलकर मर गये धिक्कारा गया ।अनिलकुमार सोनी

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राष्ट्रीय हिन्दी अधिवेशन2017

15 नवम्बर 2017
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मित्रों,आज अधिवेशन से जुड़ने का आखिरी दिन है , आप भी जुड़े लोगों को भी जोड़े,ज्यादा से ज्यादा इसको लोगो मे शेअर करें ।।

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"राष्ट्रीय प्रेस दिवस" 16नबंवर

15 नवम्बर 2017
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कलम की आजादी और निष्पक्ष स्वतंत्र पत्रकारिता हीलोकतंत्र का चौथा स्तंभ है*अनिलकुमार सोनी

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"भितरघात और चुनाव"

17 नवम्बर 2017
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"भितरघात और चुनाव"एक वोट !दो परिवार तीन बच्चे चार गुनहगारपांच और परिवार में छः बुजुर्ग सात बीमार आठ नेता लड़ें चुनाव !नों नहींदस -दस नेता करें भितरघात !अनिलकुमार सोनी

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"पत्रकार और राष्ट्रीय प्रेस दिवस"

17 नवम्बर 2017
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"पत्रकार और राष्ट्रीय प्रेस दिवस"प्रेसचौथा स्तंभ वो भी लोकतंत्र का खतरे में है !ईमान करते हैंसत्य का अनुशरण भी करते हैं!पता नहीं वे कबउनकी राह चलने लगते हैंपैसा के हिसाब सेकाम बन जाता हैं दोनों के ।कलम कीताकत और जानते हुएअंजना हैंअपने आपको पहिचानेनारदजी का कोईमित्र नहीं हैन ही कोई शत्रु।देश रक्षक हो

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सुप्रभात जी

18 नवम्बर 2017
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हो रहा है प्रभातधीरे धीरेमित्रों आपको संदेश हैसुप्रभात का।

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किसानों की हालात

18 नवम्बर 2017
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रवि की फसलकवि की कलमफिसलती जा रही हैमौषमअनुकूलरहेतो अच्छे दिन।

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"ठंड"

24 नवम्बर 2017
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आई ठंड ओढ़ रजाईशादी हो या हो सगाई चाय काफी खूब बनाई।।

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स्वतंत्र व निष्पक्ष "आवाज" को कुचला जा रहा है !

26 नवम्बर 2017
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?अगरतुम लिखोगेहम देख लेंगे,ये समाज हमारी ही है,ऐसी आवाजें आती हैंमैंने लिखासाहित्य की किलिष्ट भाषा में उनको समझ नहीं आयासफलता हाथ लगी ।उनका समूह है,पूरे देश में सक्रिय है,वे लोकप्रिय हैं ।अखबारों में छाये रहते हैंसमाज में प्रतिष्ठा निरंक है।खोटे सिक्के के भांति चल भी जाते है !दरकार है,साहसिक पत्रकार

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बधाई

26 नवम्बर 2017
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देश का पहला स्तंभ संविधान है।संविधान दिवस के अवसर पर आप सभी को बधाई .....

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"मनका आभास"

8 दिसम्बर 2017
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बदल गये सुर बदल गई बयारेंमतदान होने से पहलेतख्तापलट हो या परिवर्तन न होशतप्रतिशत "मतदान "होना तय है।

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नव वर्ष

30 दिसम्बर 2017
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नव वर्ष आया , मन में परिवर्तन लायादो चार दिन बीते, भूला खुसियां अपनी औकात में है आया ।

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नववर्ष

31 दिसम्बर 2017
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💐कल आपको बधाई देने वालों की कतार लगी 💐होगी । हो सकता है। उस भीड़ में हमारी शुभकामनाये आप पढ ना पाओ इस लिये हमारी तरफ से आज ही आपको और आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💐नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐ अनिलकुमार सोनी

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बंद भारत बंद

2 अप्रैल 2018
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पाटन संपूर्ण बंद भारत बंद का असर कारी प्रभाव

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बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?

10 जून 2018
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चूहा बिल्ली और घंटीमूषक घंटी की आहट पाते ही भाग जाते हैं शिकार हमेशा बिना आहट के किया जाता है बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे का प्रचलन हुआ.

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मच्छर और योग

17 सितम्बर 2018
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मच्छर से बचें ,योग करेंवो आक्रमण करेगादायें ,बायें ,ऊपर नीचे उसे मारे नहीं उससे बचेंअपने सभी अंगों हरकत में लायेआपका योगा हो जायेगा

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"लिखते रहना ही हिन्दी है"

19 सितम्बर 2018
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"लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है""लिखते रहना ही हिन्दी है"

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जय श्रीगणेश

19 सितम्बर 2018
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हे भगवान सबको सदबुद्धि दोये नेता मीठा मीठा बोल रहे हैं

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किसान

19 सितम्बर 2018
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बिजली पानीमौसमसब देखना होता हैबुरे दिन भी आते हैंबस रोना ही होता है।

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हिन्दी

26 सितम्बर 2018
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अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका प्रयास में प्रकाशित रचना भृष्टाचार...

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"पुरस्कार " देते क्यों नहीं?

14 नवम्बर 2018
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"पुरस्कार "देते क्यों नहीं?क्या जांच का तरीकाबदल गया हैकोई समझौता कोईसौदाकोईलोभकोई भयकुछ नहीं हैतो पुरस्कार देते क्यों नहीं!सारी दुनियाचाह रही हैकिस सोच में होनहीं बताओगेन बताओपुरस्कार तो दे दो।

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होली

19 मार्च 2019
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हो ली चौकी बैठ होलिकादार खाये तूअर कीप्रृहलाद लिए गोद में आग में खुद जल जाएहोरी है होरी है.

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पानी पानी

2 जुलाई 2019
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पानी पानीमानसून लाया किसानों ने बुलाया हैखेत खेत पानी भरने लगाअन्न उपजाने के लिए औरपेट भरने .दाना दाना बुआई करकेदाने दाने उपजायेगेंपानी पानीमानसून लाया किसानों ने बुलाया है.

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"गुरु"

22 सितम्बर 2019
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"गुरु"आज गुरु का महत्व वही है जो पहिले थालेकिन चेला बदल गये हैंपहली कक्षा से लेकर महाविद्यालय की अंतिम कक्षा तक के अध्ययन में लगभग 52 गुरुओ से भेंट होकर भी एक गुरु के संस्कार चेला नहीं ले पाते न गुरु को चिंता न चेला कोअनिलकुमार सोनी

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चांद

13 अक्टूबर 2019
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"तन्हा चांद"आधार चांदनज़र चांद परआश पिया की.साथ चलतासाथ निभाता मेरातन्हा ही चांद.लेंडर गिरघबराहट हुईये तन्हा चांदकरवा चौथबादलों ने घेरा हैये तन्हा चांदअनिलकुमार सोनी

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इतंजार

20 अक्टूबर 2019
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"इतंजार"खण्ड-१मैं आ रहा हूंअभी आता हूंतुम आ रहे हो नकितनी देर हैउसे आने के लिएतुम रुक क्यों गए होआगे बोलो क्या लिखना हैखण्ड-२बोलें...…...........बस यही है इतंजार

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