हे कृष्ण तुझे पल पल जीने के लिए तेरे बाल स्वरुप को देखने की आशा में मैं हुई गोकुल तेरी बाँसुरी की धुन सुनने के लिए मैं हुई कदम्ब यमुना हुई तुझे छूने के लिए मटकी बनी माखन के लिए यशोदा मईया की धड़कन बनी देवकी की प्रतीक्षा बनी सुदामा की मित्रता बनी राधा के