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बुलबुल जान

hindi articles, stories and books related to Bulbul jaan


*कुदरती यह कमाल, बेमिसाल हो रहा है*बिना कोई बात यह दिल बादलों -सा रो रहा है |*मेरा दिल, ज़िद करके मुझसे पूछ बैठा है आज*क्या इश्क़ का मारा है,जो इतने दिन से रो रहा है|

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