वक़्त गुजरेगा आहिस्ता-आहिस्ता, इसकी सिलवटें हर चेहरे पर होंगी । @नील पदम्
जनाब मासूम जनता है, यहाँ सब चलता है। @ नील पदम्
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन । माल भगौने के भीतर, ना होगा जिस दिन ॥ @ नील पदम्
मेरे वश में नहीं है, तुम्हारी सजा मुकर्रर करना । तुम ही कर लो जिरह औ फैसला मुकम्मल कर लो ॥ @नील पदम्
संबंधों के पुल के नीचे जब, प्रेम की नदियाँ बहती हैं, जीवन के दो पल में भी तब, पूरी सौ सदियाँ रहती हैं ॥ @नील पदम्
कुंठाओं के दलदल में, उल्लासोँ के कमल खिलेंगे । यदि निराशा भरी दीवालों पर, आशा की खिड़की खुली रखेंगे ।। @नील पदम्
उम्मीदों के आसमान पे बैठे हुए थे जब, वो क्या गिरा आंखें जिसे संभाल ना पायीं ।। @ नील पदम्
इश्क की पहली शर्त कि कोई शर्त ना हो 🌹 @नील पदम्
आज़ादी पाई मगर, फिर भी रहे गुलाम, ये प्रतीक दासत्व का, मिट गया नामोनिशान ।
चाहे न बदलती धारायें, पर रुक जाते अपराध, धर्म मार्ग पर जागते, करते जन-हित काज ।
दासता के पीठ पर, खुरचे हुए निशान, कबसे पीछे था पड़ा, विदेशियों का बना विधान ।
धाराये बदली गईं, नूतन नव-परिधान, चलो-चलो इतना हुआ, अपने हुए विधान ।
कहने को तो कर किया , चिर- धाराओं में बदलाव, पर इससे मिटता कहाँ, आपराधिक मन-भाव ।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की शुरुआत के साथ भारत का कानूनी परिदृश्य एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस नए कानूनी ढांचे का उद्देश्य भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) स
भारतीय नागरिक संहिता बिल में CrPC के 160 धाराओं में बदलाव किए गए हैं , 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को खत्म कर दिया गया है।आईपीसी में पहले 511 धाराएं थी उसे बदलकर अब सिर्फ 356 धाराएं कर दी गई
भारतीय न्याय संहितातीन नये कानून देश में , हो रहे हैं जिसमें बदलाव । भारतीय न्याय संहिता एक है, जिसका किया अभी चुनाव। दूसरा भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, तीसरा भारतीय साक्ष्य अधिनियम अधिकार।ये सब
परिचय भारत सरकार ने लोकसभा में तीन विधेयक पेश करके देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा सं