हम भारत के वीर हैंहम अर्जुन के तीर हैंहम भारत वासी गंभीर हैंहम विश्व की तकदीर हैंहम पवित्र गंगा नीर हैंहम भारत के वीर हैं।
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,झंडा ऊंचा रहे हमारा।आओ प्यारे वीरों आओ,देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,एक साथ सब मिलकर गाओ,प्यारा भारत देश हमारा,झंडा ऊंचा रहे हमारा।तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,झंडा ऊंचा रहे हमारा।
नन्हे - नन्हे प्यारे - प्यारे, गुलशन को महकाने वालेसितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के। नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानो से ना डरने वालीकहलाते हैं हिम्मत वाले, हम ब
पिंजरे का पंछी - सेठ जी और तोता की प्रेरणा दायक कहानीएक सेठ जी और सेठानी जी हमेशा भजन - कीर्तन में जाते थे । सेठ जी के घर एक पिंजरे में तोता पाल रखा हुआ था । तोता एक दिन पूछता हैं कि, सेठजी आप ह
प्रातः स्मरणेय शिक्षक वृंद के चरणों में कोटिशः नमन। गुरु का स्थान तो कबीरदास जी के इन दोहों से ही स्पष्ट हो जाती है:- गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय? बलिहारी गुरु आपकी, गोविन्द दियो बताय। वै
आज जिंदगी ऐसे मुकाम पर खड़ी है ,जहा childhood को प्यार चाहिए, teenage को हर दुख, दर्द,अपमान का बदला और adulthood को बस peace चाहिए।
शब्द ही सबसे बड़े गुरु हैं । कभी गौर कीजियेगा । गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पाएं बलिहारी गुरु आपकी, जिन गोविंद दियो बताय । उपरोक्त में "बताय" शब्द का क्या मतलब है। किसी ने बताया।
हर वर्ष 15 अगस्त पर हम,आज़ादी का जश्न मनाते हैं;पर ये आज़ादी कैसे पाई,क्या इसका ध्यान रख पाते हैं।बहुतेरे वीर शहीद हुए,बहुतों ने वीरगति पाई;कुछ ऐसे वीर दीवाने थे,जिनसे अंग्रेज सरकार भी घबराई।बटुकेश्वर द
इश्क की पहली शर्त कि कोई शर्त ना हो 🌹 @नील पदम्
सभी देशवाशियों को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आज हम 77 वे वर्षगांठ स्वतंत्रता दिवस मनाने के पायदान पर पहुच गए है।यह शुभ अवसर और भी खास है क्योंकि हम हर साल तो हम 15 अगस्त मना
परिचय: हर साल 15 अगस्त को, भारत के लोग स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जो उस ऐतिहासिक अवसर को चिह्नित करता है जब देश को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। जैसा कि हम अपना 77वां स्वतंत्रता द
मशहूर गायिका मैरी मिलबेन ने इस मौके पर एक खास वीडियो शेयर कर भारत को 77वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. अफ्रीकी-अमेरिकी कलाकार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह प्रधान मंत्र
कौन कहता है, सो रहा है शहर, कितने किस्से तो कह रहा है शहर। किसी मजलूम का मासूम दिल टूटा होगा, कितना संजीदा है, कितना रो रहा है शहर। ये सैलाब किसी दरिया की पेशकश नहीं, अपने ही आँसुओं में बह
इसकी तामीर की सज़ा क्या होगी, घर एक काँच का सजाया हमने । मेरी मुस्कान भी नागवार लगे उनको, जिनके हर नाज़ को सिद्दत से उठाया हमने । वक़्त आने पर बेमुरव्वत निकले, वो जिन्हें गोद में उठाया हमने । सितम
मत कहो नहीं, आज मुझसे कोई तस्वीर रंगने को मत कहो। क्योंकि, हर बार जब मैं ब्रश उठाता हूँ, और उसे रंग के प्याले में डूबता हूँ; उस रंग को जब कैनवास के धरातल पर सजाता हूँ; तो सिर्फ एक ही
मुझे भरोसा है अपने ईष्ट देव पर। वो एक दिन जरूर वापस आयेंगे। कुमाऊँ रेजिमेंट में भर्ती हुए अभी उनको पूरे ढाई साल भी नहीं हुए हैं और आर्मी वाले कहते हैं कि गायब हो गये...
भीगे मन को भीगा सावन, सूखा-सूखा लगता है । मूक अधर, सूनी नजरों से, चौपाल भला कब सजता है । आँखों की कोरें भीगी हों तो क्या करना सावन का, मन में यदि न उम्मीदें हों तो क्या करना सावन का,
दो बार आजीवन कारावास की सजा पाने वाले स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर... विनायक दामोदर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ कवि और लेखक भी थे । सावरकर दुनिया के शायद अकेले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्
इतिहास के पन्नों में एक नायक का उदय हुआ, सुखदेव थापर, एक ऐसा नाम जो हमेशा चमकता रहे। अटूट भावना और साहस के साथ इतना सच्चा, उन्होंने आजादी के लिए, मेरे लिए और आपके लिए लड़ाई लड़ी। भारत के एक देशभक्
जलियांवाला बाग हत्याकांड भारत की आजादी के इतिहास की वो घटना है, जिसके बारे में सोचने पर भी रूह कांप जाती है. 13 अप्रैल 1919 को ये दुखद घटना घटी थी, जब पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दू