shabd-logo

दृगपयोनिधिमहीधरवारिधर

hindi articles, stories and books related to Drugponivbar


featured image

 छाए हैं अब दृग पर, वो अतुल मिलन के रम्य क्षण! वो मिल रहा पयोधर, आकुल हो पयोनिधि से क्षितिज पर, रमणीक क्षणप्रभा आ उभरी है इक लकीर बन। छाए हैं अब दृग पर, वो अतुल मिलन के रम्य क्षण! वो झुक रहा वारिधर,युँ आकुल हो प्रेमवश नीरनिधि पर, ज्युँ चूम रहा जलधर को प्रेमरत व्याकुल महीधर। छाए हैं अब दृग पर, वो अ

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए