कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान !कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !!लूट खसोट कर अमीर बन गए वोजो दिन-रात करते करतूते काली !मंदिर में बैठकर करते पूजा आरतीदर पे बैठे भिखारी को बकते गाली !!कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार,