*सनातन धर्म के अनुयायी अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए धर्म और शास्त्रों के अनुसार हविष्ययुक्त पिंड को प्रदान करते हैं यही कर्म श्राद्ध कहलाता है | जब मनुष्य अपने पितरों के लिए श्रद्धा करते हैं तो इससे उनके पितरों को शांति मिलती हैं और वे सदैव प्रसन्न रहते हुए दीर्घायु, प्रसिद्धि एवं कुसलता प्