सफलता चाहिए तो कर्मयोगी बनना आवश्यक है। संसार रूपी रंगमच में कर्मयोग द्वारा ही सफलता मिलती है। गीता में कहा है-योगः कर्मसु कौशलम्। स्पष्ट है कि कर्मयोगी कार्यकुशल होता है। यह भी कह सकते हो कर्म के योग से कुशलता प्राप्त होती है। इसी प्रकार वेद कथन है कि कुर्वन्नेवेह कर्मा
यह सत्य है गलतियां सभी करते हैं। कोई-सा व्यक्ति ऐसा नहीं है जो गलती न करता हो। गलती करने पर जब डांट पड़ती है तो आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें- JYOTISH NIKETAN: क्षमा से अन्तः का कचरा साफ होता है!
सुखद् गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक है कि दोनों अपना-अपना उत्तरदायित्व समझें। इसके लिए चार स्तम्भ अत्यन्त सुदृढ़ रखने चाहिएं, ये हैं-स्नेह, सहयोग, सम्मान एवं विश्वास। आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें... JYOTISH NIKETAN: सुखद् गृहस्थ जीवन हेतु आवश्यक है !
आशावादी बनना चाहिए। आशावादिता से जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आते हैं। इसलिए आशाएं कभी भी नहीं मरनी चाहिएं। आशाएं सजीव रखेंगे तो जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग सदैव बना रहेगा। आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें... JYOTISH NIKETAN: आशावादी बनें!
शिक्षक दिवस एवं गणेश चतुर्थी की सभी शिक्षकों एवं शब्दनगरी के सभी मित्रों व सदस्यों को बहुत-बहुत बधाईआज शिक्षक दिवस पर पुत्री ने हैप्पी टीचर डे का मैसज भेजा और मुझसे जो सीखा उसके लिए धन्यवाद दिया। मेरी डांट और गुस्से को लेकर नाराजगी प्रकट करने के बाद भी धन्यवाद दिया।उसके प्रत्युत्तर में मैंने उसे ज