25 अक्टूबर 2016
दर्पण टूटा, टुकड़ा बिखरा-- सबने देखा. पर हृद का टुकड़ा-- कौन देखता.साक्षी देकर सौगंध लिया- जीवन भर साथ निभाने का. हर व्यथा झेल आँसू पीकर-- संग जीने का मर जाने का. पतझड़ में झरा, हरित उपवन- सबने देखा. उजड़ा हिय-उपवन- कौन देखता. तड़पन की पीड़ा सस्म