अब उठो शिक्षको भोर हुई, कुरुक्षेत्र में जाना ही होगा ।जो वचन दिया भारत माँ को ,करके दिखलाना ही होगा।गांडीव उठा लो हाथों का, बध करो अँधेरी रातों का,तुम 'ज्ञान बाण ' संधान करो, अज्ञान मिटाना ही होगा।उस 'विश्व गुरु' भारत का फिर, दुनिया में परचम लहरा दो,शिक्षको तरासो भारत को, यह देश बचाना ही होगा ।संस्क