अपने थेदेना था -कुछ वक़्त, कुछ ख्याल लेकिन,इस देने में मैं रह गया खाली हँसी भी गूँजती है खाली कमरे सी !मैंने सबको बहुत करीब से देखा यूँ जैसे उसे देखने के सिवा कुछ नहीं है मेरे पास कभी समझ सको,सोच सको तो देखना तस्वीरों में मेरी आँखें स्थिर,मृतप्रायः लगती हैं !इसका अर्थ यह नहीं कि मैंने किसी को अपना न