0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
2 किताबें
अपनी ही उजास में सिमटा । रोशनी की चादर में लिपटा । मां की लोरी तू कभी बन जाता । पागल प्रेमी को प्रेमिका बन तू दिख जाता। आधा तो कभी पूर्णमासी का चांद तू बन जाता। असंख्य तारों के बीच तू मनमोहक