क्या लिखुँ सोच मै हूँ
आज बड़ी फुर्सत मैं हूँ
आज बड़ी मौज मैं हूँ
काबिलियत को आज मैं अपने परख रहा हूँ
या दुनिया के रिवाजों खोज रहा हूँ
क्या लिखुँ सोच मै हूँ
आज बड़ी फुर्सत मैं हूँ
आज बड़ी मौज मैं हूँ
शानदार ज़िंदगी का खवाब देखने के मैंने जुर्रत की हैं
मैंने सोचा की इस बे-रहम दुनिया मैं शायद सपने देखना फ्री हैं
मैं तो दिल से इस दुनिया मैं जीने के लिए आया था
पर इस दुनिया ने मुझे यहाँ रहने के तोर तरीके का फरमान नहीं भेजवाया था
शायद मुझे दुनिया मैं रहने के लिए लिखना ही पड़ेगा
क्या लिखुँ सोच मै हूँ
आज बड़ी फुर्सत मैं हूँ
आज बड़ी मौज मैं हूँ