फिर से मेरे पिछले पोस्ट, जो कि भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन के सम्बन्ध में था, उस पोस्ट के उत्तर में एक विचारधारा के मेरे कुछ मित्रो ने स्वतन्त्रता आन्दोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान को लेकर सवाल दाग दिया. हमेशा मेरे पोस्ट में दिए हुए आंकडों या तथ्यों पर वे कोई टिपण्णी नहीं करते और वही घिसा पिटा “आर एस एस ने क्या किया?” जैसा आरोप लगा कर विमर्श को भटकाने का प्रयास करते हैं, तो अबकी बार मैंने तय किया कि मैं इस प्रश्न का एक विस्तृत जवाब दूं और वो जवाब भरसक संचिप्त करने पर भी समस्त तथ्यों को शामिल करने से एक पुस्तिका के आकार का हो ही जाएगा और जैसे मैं विमर्शो में इस घिसे पिटे प्रश्न का सामना करता हूँ, जो कि हमेशा मूल मुद्दों से भटकाने को किया जाता है, वैसे ही अन्य संघ स्वयंसेवक और संघ समर्थक भी इस समस्या का सामना करते होंगे और इस पुस्तक के माध्यम से वे भी इस प्रश्न का तर्कसंगत और सटीक उत्तर दे सकेंगे, इस उद्देश्य हेतु ये पुस्तिका लिखी जा रही है.