कविता
लेखन-तिथि-12/11/21
स.मौलिक/अप्रकाशित
शीर्षक......
आत्मा में मिलावट
.....राजेंद्र कुमार सिंह
एक बार धर्मराज के दरबार में
सारे मंत्रीगण डुबे थे
गहन सोच-विचार में
मामला वाकई पेचीदा,अजब था
मृत्युलोक में मचा हाहाकार,गजब था
कोरोना काल में
दो फुट का फासला जरूरी था
इसलिए मानवीय बच्चों के
प्रोडक्शन का रफ्तार बंद था
या यूं कहें मानवीय बच्चों का जन्म
काफी मंद था.
उधर धर्मराज का सरकार थी
परन्तु धर्मराज भी बेबस थे
क्योंकि सरकारी गोदामों में
मानव आत्मा का बहुत अभाव था
आपूर्ति हेतु तत्काल
आपातकालीन सभा बुलाई गई
मृत्युलोक से मानव आत्मा भेजने का
आग्रह था,सुझाव था.
सुनकर सबके चेहरे पर विषाद छाया
शिथिल पड़ी थुलथुल काया
कुछ पल बाद कुत्ता मंत्री जुबान खोले
धीरे से बोले--
"महामहिम कृपया अन्यथा न लीजिए
मेरे बातों पर ध्यान दीजिए
आज मृत्युलोक का बेड़ा गर्क है
आदमी और कुत्ता में नहीं कुछ फर्क है
अगर इजाजत हो तो
मानव आत्मा के गोदाम में
थोक भाव में कुत्ता आत्मा मिलाते हैं
हाल-फिलहाल उसी को चलाते हैं
मंत्री महोदय की बातें सुन
धर्मराज चकराकर बोले-
"मंत्री महोदय
हम समझ नहीं पा रहे हैं
समस्या कुछ है
समाधान कुछ और सुझा रहे हैं
कुत्ता मंत्री कुछ पास आए
धर्मराज के कान में
कुछ फुसफुसाए
महामहिम,मैं मृत्युलोक के नगर-नगर
गांव-शहर घुम आया हूं
वहां असली का लेबल चिपकाकर
सब जगह नकली माल बिक रहा है
धंधा जोर-शोर से चल रहा है
माल फटाफट बिक रहा है
ये व्यवस्था फिट है,
बल्कि सुपरहिट है.
यथा--"डालडा में चरबी
नौकरी में सिफारिश,अर्जी
हल्दी में मिट्टी,सीमेंट में कंक्रीट गिट्टी
पेट्रोल में डीजल,डीजल में केरोसिन
यानि कि हर जगह मिलावट है
ये परंपरा घर-घर है
फिर हमें काहें का डर है?"
जिस तरह वहां पर
थोड़ा सा प्रसाद बचा हो
उसमें और मिलाकर
थोक भाव में प्रसाद बनाते हैं
उसी तरह कुत्ता आत्मा को,
थोड़ी-बहुत मानव आत्मा जो बची है
उसी में मिलाकर मानव आत्मा बनाते हैं
उसी को बाजार में चलाते हैं
या यूं कहें कि बची हुई मानव आत्मा में
कुत्ता आत्मा रेलते हैं
सप्लाई के लिए मृत्युलोक में ठेलते हैं.
कुत्ता मंत्री की बात से
महामहिम संतुष्ट दीखे आज
क्योंकि हो रहा था डबल फायदा
एक पंथ दो काज!!
मानव आत्मा बनाने में लगने वाली
मेहनत बच रही थी
और सस्ते भाव वाली कुत्ता आत्मा
लोगों को काफी जंच रही थी.
तब से,मिलावट का सिलसिला
निरंतर जारी है,बढिया दुकानदारी है
अब तो मानव आत्मा भी
उसे नहीं कुछ कहती है
क्योंकि उसके अंदर मानव का नहीं
कुत्ता आत्मा बसती है.
भाईजान,कैसे करे पहचान?
तो आइए करते समस्या का निदान
राह चलते,या इधर-उधर मचलते
भीड़ मे जब कोई टकराए,बेतलब का
बौखलाए.
आंख दिखाए या एक सुर में चीखे,भोंके
तो आप उसे न रोके,ना टोके
दिखा रहा असर,वाकई कमाल है
सौ प्रतिशत कुत्ता आत्मा है
मिलावट का माल है
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