कब तक झूठा आवरण
तुम्हारी देखभाल करेगा मेरे दोस्त।
एक दिन ऐसा आएगा
तुम जो हो, सबके सामने दिख जाओगे।।
झूठ या छलावा आंखों का भम्र मात्र है
कभी ना कभी सत्य सामने आएगा।।
बुराई हमेशा हारती आई है समाज में दोस्त
अच्छाई कब तलक छुपाई जायेंगी।।
सबके कर्मों का लेखा जोखा कोई रखता है।
वक्त आने पर हिसाब किया जायेगा।।
वक्त आने पर हिसाब किया जायेगा।।