shabd-logo

मेरे बाबाजी

1 दिसम्बर 2021

17 बार देखा गया 17


एक बार की बात है हम सब रात के भोजन के लिए तैयारी कर रहे थे। खाना तैयार होते ही बाबा को मैं बुलाने गई। खाना खाने सब लोग बैठे वजह संयुक्त परिवार। पुराने लोग पीढ़े पर बैठ कर खाते और बिल्कुल बात नहीं करते थे। बाबा भी ऐसे ही स्वभाव के थे और उनके खाते वक्त कोई आवाज नहीं आनी चाहिए नहीं तो थाली छोड़ उठ जाते।

खाना खाते वक्त उन्होंने चावल मांगा और बड़ी अम्मा जो सबसे बड़े ताऊजी की पत्नी थी उन्होंने मना कर दिया कि चावल खत्म हो गया है। चूंकि उस समय खुब ढ़ेर सारे जानवर गाय,बैल और भैंसें पली थी घर में। जानवरों की देखभाल के लिए दो तीन आदमी रखें गए थे। उन्हीं में से एक भैय्या जिनका नाम देनी था वह जानवरों के लिए खली चूनी मांगने आए और उन्हें भी बड़ी अम्मा ने मना कर दिया।

बाबा हाथ धो रहें थे और सब सुन भी रहे थे। हरफनमौला बाबा अपनी बहू रानी पर तुरंत एक कविता बोलें जो इस प्रकार है।।।।

बड़की पतोहिया क बड़ी बड़ी बात।

गोरुन के चूनी ना बुढ़ऊ के भात।।

प्रकृति से जोड़ना हो या इंसानियत का पैगाम हो या धर्म कर्म शिक्षा अनुशासन हो या पठन-पाठन या जीव जंतुओं से प्रेम,हर चीज से हमें अवगत हमारे बाबा ने कराया।वह आज दुनिया में नहीं है। उन्हें इस दुनिया से विदा हुए पैंतीस वर्ष हो चुके हैं लेकिन उनके आदर्श मेरे अंदर आज भी ज्ञान ज्योति बन मुझे रास्ता दिखाते हैं।सच कहूं तो मेरे बाबा मेरे हृदय में बरगदी छांव बन मुझे हर फलसफे से बचाते हैं। बहुत सी खुबसूरत यादें हैं जो लिखने लगूं तो कई किताब बन जायेगा।वह मसीहा जो खुद में ज्ञान का सागर था और मेरे जैसे कितने लोगों के प्रेरणा स्त्रोत है उनकी मैं प्रिय पोती थी और पढ़ने लिखने का शौक उन्होंने मेरे अंदर कूट कूट कर भरा है। शायद उनके द्वारा दी गई शिक्षा ही आप विद्वान गणों के बीच सीखने का मौका दें रहा है मुझे और आपका प्यार भी।

मेरे जीवन की बगिया के वनमाली मेरे बाबाजी।

शिक्षा दीक्षा कर्त्तव्य धर्म मार्ग के प्रेरणा स्त्रोत है बाबाजी।।

हर पल यादों में खोए रहते हैं हम।

प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करते हैं हम।।

इंसानियत और जीव,जंतु, विज्ञान सब बाबा की हैं देन।

जीवन में बहार है आपसे बिन आपके सब कुछ है सून।।

आपके श्री चरणों में मेरा बारम्बार प्रणाम 🙏🙏

थामें रहना हाथ मेरा आपसे है मेरा नाम।।



8
रचनाएँ
समाज
0.0
समाज में जागरूकता दिखावे में है जबकि बहुत सी चीजें जनता जानती ही नहीं है इसलिए समाज को आईना दिखाने की आवश्यकता है।।
1

शबनम

30 नवम्बर 2021
3
0
0

<p>मेरी मां की आंखों में हर पल</p> <p>शबनमी अहसास होता है।।</p> <p>सबके सुख दुख का ऊंचा</p> <p>पहाड़

2

मेरे बाबाजी

1 दिसम्बर 2021
2
0
0

<p><br></p> <p>एक बार की बात है हम सब रात के भोजन के लिए तैयारी कर रहे थे। खाना तैयार होते ही बाबा क

3

स्त्री

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div>स्त्री खुश हो जाती है।</div><div>प्यार के दो बोल से।।</div><div>हमसफ़र के कह देने से ही</div><d

4

सीख

2 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>कुदरत क्यों रुठी।</div><div>अनेकानेक जिन्दगियां छूटी।।</div><div>इंसान बन बैठा है मसीहा।</div><

5

आटे की लोईयां

2 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div>गेहूं के आटे की लोईयां</div><div>पंक्ति बद्ध पड़ीं है।।</div><div>एक लोई को मैंने हाथ लगाया</di

6

प्रकृति की गोद में

2 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>पिछले साल महामारी में बैठी मैं</div><div>होने वाली मौतों से आतंकित थी।।</div><div>आने वाले समय

7

सुबह भी होगी

2 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>जिन्दगी की सुबह हुई है आज तो</div><div>कल शाम भी होगी ही।।</div><div>अंधेरा गम का गर है आज</div

8

आवरण

2 दिसम्बर 2021
0
0
0

<div>कब तक झूठा आवरण</div><div>तुम्हारी देखभाल करेगा मेरे दोस्त।</div><div>एक दिन ऐसा आएगा</div><div

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए