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अब वो बात नहीं

Mukesh bunkar

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इस में एक थके - हारे , निराश प्रेमी के दिल की व्यक्तिगत भावनाएं है जिस में वो अपने दिल का हाल - ए - दर्द बता रहा होता है की तुम ने मुझे किस हालत में लाकर रख दिया है ना आगे बढ़ा जा रहा है ना वो सब भुला जा रहा है बस उस को याद कर रहा होता है । 

ab wo baat nahin

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