अदिति
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पतझड़ आने वाला है
पतझड़ आने वाला है उसका इंतजार क्यों आने से पहले उसके क्यों न जी लू मैं पतझड़ के बाद तो झड़ जाना है मुझे तो अभी क्यों न खिलखिलाऊँ मैं लहर लहर के क्यों न लहराऊँ मैं पतझड़ आने वाला है तो क्यों न गीत गाऊं मैं भंवरों की तरह क्यों न गुनगुनाऊँ मैं रस
पतझड़ आने वाला है
पतझड़ आने वाला है उसका इंतजार क्यों आने से पहले उसके क्यों न जी लू मैं पतझड़ के बाद तो झड़ जाना है मुझे तो अभी क्यों न खिलखिलाऊँ मैं लहर लहर के क्यों न लहराऊँ मैं पतझड़ आने वाला है तो क्यों न गीत गाऊं मैं भंवरों की तरह क्यों न गुनगुनाऊँ मैं रस