मुझे छुआ उसने जब प्यार से
कसम से लगा जन्नत मिल गई
मेरे प्यार की इंतहा देखी उसने
बोला वो मुझे जिंदगी मिल गई
मेरी मोहब्बत का इल्म न था उसे
जब मिली उसे हमारी जिंदग बन गई
वो कश्ती वो किनारे मिल गए
वो सांझ से सूरज मिल गए
वो अनकहे लफ्ज़ कागज़ पर उतर गए
वो प्यार के अनकहे पर दिल को
छूने वाले सकूँ भरे लम्हे बन गए
एक एहसास प्यार का जो कभी खत्म न हो और दिल में दब जाता है वो कागज़ पर उतारने की एक छोटी सी कोशिश की है
अदिति..