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कैसे कहूँ

29 सितम्बर 2021

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कब तलक तुमको देखूं
     देख के अपना दिल बहलाऊँ
इतना बता दो जानेजां 
    कैसे तुमको अपना बनाऊं
कैसे कहूँ तुमको अपने मन का 
      कैसे हाल तुमको बताऊं
आज तो कह दो साजन
    कैसे अपने अरमान सजाऊँ
अपनी मोहब्बत कैसे तुमको जताऊं

29 सितम्बर 2021

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रचनाएँ
पतझड़ आने वाला है
0.0
पतझड़ आने वाला है उसका इंतजार क्यों    आने से पहले उसके क्यों न जी लू मैं पतझड़ के बाद तो झड़ जाना है मुझे   तो अभी क्यों न खिलखिलाऊँ मैं लहर लहर के क्यों न लहराऊँ मैं    पतझड़ आने वाला है तो क्यों न गीत गाऊं मैं भंवरों की तरह क्यों न गुनगुनाऊँ मैं   रस पी के कलियों को क्यों न एहसास कराऊँ मैं जीवन है अनमोल क्यों न हस के गुज़ार जाऊं मैं   पतझड़ आने वाला है क्यों न जी जाऊं मैं

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