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नही ठुकरा सकते

27 सितम्बर 2021

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नही तुम यू नही ठुकरा सकते
   मेरे दिल को नही बिखरा सकते
ऐसा क्या जुर्म किया
  ऐसे नही सब मिटा सकते
टूटे दिल को नही मैं बहला सकती
   अपना दर्द नही मैं छुपा सकती 
बहती गंगा इन आँखों से नही सूखा सकती
   कैसे तुमको बतलाऊँ दिल का हल किसे सुनाऊं
दर्द कहां पर जा के बिसराउं
  जान से बढ़ के जिसको चाहा 
उसकी याद कहाँ छोड़ आऊँ
  नही ऐसा मत करो तुम
दिल को मेरे शब्दों से अपने न तोड़ो
 मत ठुकराओ प्यार मेरा तुम
 न अरमानो को चीथड़ों में उड़ाओ
न ठोकर से मेरे प्यार को तुम अपने ख्वाब सजाओ
 न मुझको ठुकराओ न दिल को बहलाओ
Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत सुंदर रचना ❤️

27 सितम्बर 2021

Ambika Jha

Ambika Jha

बहुत खूब 👌👌

27 सितम्बर 2021

Shraddha 'meera'

Shraddha 'meera'

Behad khobsurat rachna acchi kavita hai 👏👏👏👏

27 सितम्बर 2021

7
रचनाएँ
पतझड़ आने वाला है
0.0
पतझड़ आने वाला है उसका इंतजार क्यों    आने से पहले उसके क्यों न जी लू मैं पतझड़ के बाद तो झड़ जाना है मुझे   तो अभी क्यों न खिलखिलाऊँ मैं लहर लहर के क्यों न लहराऊँ मैं    पतझड़ आने वाला है तो क्यों न गीत गाऊं मैं भंवरों की तरह क्यों न गुनगुनाऊँ मैं   रस पी के कलियों को क्यों न एहसास कराऊँ मैं जीवन है अनमोल क्यों न हस के गुज़ार जाऊं मैं   पतझड़ आने वाला है क्यों न जी जाऊं मैं

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