नही तुम यू नही ठुकरा सकते
मेरे दिल को नही बिखरा सकते
ऐसा क्या जुर्म किया
ऐसे नही सब मिटा सकते
टूटे दिल को नही मैं बहला सकती
अपना दर्द नही मैं छुपा सकती
बहती गंगा इन आँखों से नही सूखा सकती
कैसे तुमको बतलाऊँ दिल का हल किसे सुनाऊं
दर्द कहां पर जा के बिसराउं
जान से बढ़ के जिसको चाहा
उसकी याद कहाँ छोड़ आऊँ
नही ऐसा मत करो तुम
दिल को मेरे शब्दों से अपने न तोड़ो
मत ठुकराओ प्यार मेरा तुम
न अरमानो को चीथड़ों में उड़ाओ
न ठोकर से मेरे प्यार को तुम अपने ख्वाब सजाओ
न मुझको ठुकराओ न दिल को बहलाओ