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दर्द उसका

28 सितम्बर 2021

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समंदर की लहरों के साथ वो लड़ आई है
  पता है उझको साथ मे तन्हाई है
आंसुओं की गोद मे वो रात गुज़ार आई है
  गुज़ारिश है आज सितारों से उसकी
कि आंखों में उसकी नींद नही थपथपाई है
  होकर भी लहरों की सखी वो आज सुध न पाई है
मौत का मंजर जो देख आई है
   बोलती है जिसकी आंखे पर होंठो पर चुप्पी छाई है
कहते है जिसको पागल आज वो जम के आंसू बहाई है

28 सितम्बर 2021

Shraddha 'meera'

Shraddha 'meera'

सही बात है ,, दिल के दर्द की कोई दवा नहीं होती

28 सितम्बर 2021

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रचनाएँ
पतझड़ आने वाला है
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पतझड़ आने वाला है उसका इंतजार क्यों    आने से पहले उसके क्यों न जी लू मैं पतझड़ के बाद तो झड़ जाना है मुझे   तो अभी क्यों न खिलखिलाऊँ मैं लहर लहर के क्यों न लहराऊँ मैं    पतझड़ आने वाला है तो क्यों न गीत गाऊं मैं भंवरों की तरह क्यों न गुनगुनाऊँ मैं   रस पी के कलियों को क्यों न एहसास कराऊँ मैं जीवन है अनमोल क्यों न हस के गुज़ार जाऊं मैं   पतझड़ आने वाला है क्यों न जी जाऊं मैं

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