गाजे-बाजे के साथ आई बारात
ढ़ोल नगाड़ों से किया स्वागत
लड़की वालों ने फिर
लड़के वालों की, की आवभगत
रस्में निभाई जा रहीं थीं
दावत उड़ाई जा रही थी
तभी अचानक शौर हुआ
दूल्हा दहेज के लिए अड़ गया
लड़की के पिता ने दी दुहाई
कुछ रहम करने की गुहार लगाई
दूल्हा टस से मस ना हुआ
उसका पिता भी साथ हो गया
लड़की का पिता झुक गया पैरों में
दया ढ़ूँढ़ता वो गैरों में
कुछ भी करूँगा सब दे दूँगा
चाहे सब कुछ बेचूँ
खुद को बेच दूँगा
सुनकर दूल्हा मान गया
नियत समय तक का वादा लिया
बारात ना लौटाई
लड़की के पिता पर एहसान किया
फेरे पड़े, शादी हुई
आई अब विदाई की बेला
आँखों में आँसू लिए
दुल्हन ने फरमान किया अलबेला
साथ तुम्हारे तभी चलूँगी
हेलीकॉप्टर से तुम्हारे घर जाऊँगी
दुल्हन जिद पर अड़ गई
और सबकी आँखें खुल गई