कहानी संग्रह
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सुबह के सात बजे थे। ज्योति अपनी छत पर हाथ में किताब लिए, घूम घूम कर कुछ याद कर रही थी। इस साल वह दसवीं कक्षा में थी। घूमते -घूमते कभी वो किताब में देखत