नैना लागे तौसे मौरे जब से पिया,
आवे ना निंदिया ना लागे जिया।
भावे ना मेको कछु तोहरे सिवा,
तू ही है बाती मैरी तू ही दिया,
तेरे हवाले किया ख़ुद को पिया,
नैना लागे तौसे मौरे जब से पिया।
तू ही है नैया मेरी तू ही दरिया,
तौहरे भरोसे अब तो मेरी दुनिया,
चाहे डूबों दे चाहे कर दे रिहा,
नैना लागे तौसे मौरे जब से पिया।
भीरेन पंड्या, गोधरा।
समाधि।
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