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दैनिक जीवन की सामान्य गलतियां

4 अक्टूबर 2022

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मनुष्य का जीवन ईश्वर की एक अदभुत कृति है जिसमें मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न तरह के काम करता है।
प्राचीनकाल में मनुष्य का जीवन एक बहुत ही अच्छा जीवन था जिसमें वह शुद्ध खाना-पीना और शुद्ध विचारों के साथ अपना जीवन यापन करता था।
उसकी जिंदगी में संस्कार और भावनाओं की बहुत महता थी। प्राचीन मनुष्य ने अपने चरित्र को कभी भी नहीं गिरने देता था और दैनिक दिनचर्या में वह जिंदगी के आदर्शो को मध्यनजर रखते हुए काम करता था। 
उस समय मनुष्य ने अपने आदर्शों को कभी भी कमजोर नहीं होने दिया।
उसका मानना उसकी जिंदगी में सच्चाई के साथ अनुसरित होता था और वह कहता था कि ""पहाड़ से घिरा हुआ इंसान उठ सकता है लेकिन चरित्र से गिरा हुआ इंसान कभी भी खड़ा नहीं हो सकता है ""
इस समय में मनुष्य के द्वारा भागदौड़ भरी जिंदगी  में बहुत सी गलतियां की जाती है ।
कुछ सामान्य गलतियां जो मनुष्य दैनिक जीवन में करता है निम्नलिखित हैं।
1. इस समय मनुष्य अपनी जिंदगी की भाग-दौड में अपने शरीर पर ध्यान रखना भूल गया है और वह अपने पूरे दिन में शरीर के ऊपर एक मिनट भी ध्यान नहीं देता है।
2.इस समय लोगों ने मोबाइल को अपनी जिंदगी समझ लिया है इसलिए वह सारे दिन मोबाइल में व्यस्त रहता है चाहे वह मनोरंजन के लिए उसका उपयोग कर रहा हो या वह सोशल मीडिया पर अपना परचम लहराने में व्यस्त रह रहा हो।
मनुष्य के जीवन में मोबाइल एक ऐसी बीमारी आ गई है कि वह इसके चक्कर में अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखता,अपने रिश्तो के  लिए समय नहीं दे पाता है ।
एक ही छत के नीचे रहने वाले लोगों के बीच बात होने के लिए भी समय नहीं बचा है।
जो बच्चे माता-पिता के साथ रहकर अपनी संस्कृति और संस्कारों को सीखते थे वे बच्चे आज मोबाइल को अपना माता-पिता समझकर सारे दिन उसके साथ व्यस्त रहते है।
कुछ बच्चों को खाना खिलाने के लिए भी मोबाइल की आवश्यकता रहती है।
3.आज का मनुष्य खाने-पीने के ऊपर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे पा रहा है चाइनीज फूड खाकर हर मनुष्य को मोटापे,हृदय रोगी, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी बीमारियों ने जकड़ लिया है। 
इस समय शुद्ध खाने की जगह कम समय और कम लागत में चाइनीज फूड को अपने जीवन का महत्वपूर्ण खाना बना लिया जिसका परिणाम यह हुआ है कि आज के समय में लाइफस्टाइल बीमारियों का रेशों बहुत बढ़ने लगा है।
न्युट्रिशन की कमी एक साधारण कमी है जो मनुष्य को पतन की ओर ले जाती है।

4. इस समय मनुष्य अंहकार, घमंड और ईर्ष्या का एक घड़ा होने लगा है जिससे एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को पीछे छोड़ने की मांग दौड़ में लगा हुआ है।

5. दुनिया में हो रहे साइबर क्राइम मनुष्य की अनभिज्ञता से होते हैं लेकिन इस समय विभिन्न जागरुकता के कार्यक्रम चलाने के बाद मनुष्य रूपये के लोभ में अपने आप को लुटाकर बैठ जाता है।

6.इस समय हर मनुष्य को इतनी जल्दी होने लगी है कि वह अपने कार्यस्थल पर या सड़क पर सुरक्षा और सावधानियों को नजर अंदाज कर लेता है जो उसके और दूसरे लोगों की जिंदगी के लिए भारी पड़ता है।

7. सामान्य तौर पर देखा जाये तो इस समय पेड़ों की कटाई मनुष्य की सामान्य गलतियों में से एक ग़लती है जो वातावरण को बुरी तरह से दूषित कर रही है और इस समय वातावरण में प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक हो गई है कि सांस लेना भी कठिन हो गया है।
9.इस समय हर मनुष्य अमीर बनने के चक्कर में एक-दूसरे को धोखा दे रहा है। एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के विश्वास का खून कर रहा है और इस समय लोग पैसे के चक्कर में अपनों को भी नही छोड़ते हैं।
कुछ माता-पिता अपने बच्चों के लालच की वजह से अनाथ आश्रमों में आंसू बहा रहे हैं।
10 हमें शरीर पर ध्यान रखने के लिए एक समय सारणी बनाकर उसका अनुसरण करने की आवश्यकता है क्योंकि इसके बिना हम हमारे शरीर का पतन कर रहे हैं। हमें हमारी दैनिक गतिविधियों में योगा, एक्सरसाइज, शुद्ध खाना,नशे की आदतों को नही अपनाना, मोबाइल का कम से कम उपयोग करना एवं हर रिश्ते को महत्व देते हुए व्यवहार करना इत्यादि आदर्शों को अपनाने की सख्त जरूरत है।
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रचनाएँ
दैनिक प्रतियोगिता अक्टूबर 2022
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इस में शब्दकोश की तरफ से आने वाले दैनिक विषयों के ऊपर लेख, कविताएं या कहानियां लिखी जाती है जो समाज के वर्तमान को मध्य नजर रखते हुए रचित होती है।
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अहिंसा परमो धर्म

2 अक्टूबर 2022
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अहिंसा परमो धर्म अर्थात् अहिंसा ही परम धर्म है।मनुष्य की जिंदगी में सद्गुणों की पंक्ति में अहिंसा भी एक बहुत बड़ा गुण होता है जो मनुष्य को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।वर्तमान की मनोदशा देखते ह

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कला चिकित्सा और उसके लाभ

3 अक्टूबर 2022
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मनुष्य के जीवन में जिस प्रकार खाने-पीने की आवश्यकता होती है उसी प्रकार उसके जीवन में संस्कार और संस्कृति को जिंदा रखने के लिए कला की बहुत आवश्यकता है।कला मनुष्य की बहुत ही सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति

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दैनिक जीवन की सामान्य गलतियां

4 अक्टूबर 2022
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मनुष्य का जीवन ईश्वर की एक अदभुत कृति है जिसमें मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न तरह के काम करता है।प्राचीनकाल में मनुष्य का जीवन एक बहुत ही अच्छा जीवन था जिसमें वह शुद्ध खाना-पीना और शुद्ध विचार

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कर्म और भाग्य

6 अक्टूबर 2022
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मनुष्य के जीवन में कर्म और भाग्य एक दूसरे के पूरक हैं।कहते हैं किसी भी मनुष्य को उसके भाग्य से सब कुछ मिलता है लेकिन भाग्य का निर्माण करने वाला मनुष्य स्वयं होता है।यह कहावत तो आपने सुनी होगी कि मनुष्

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जीवन की सबसे पछतावे वाली घटना

7 अक्टूबर 2022
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यह मेरे जीवन की एक सच्ची घटना थी जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं।नये जोश और नये उत्साह के साथ हम अपनी जिंदगी की सफलता के लिए मेहनत करने के पीछे पड़े हुए थे। हमें इस बात से बिलकुल भी निराशा नहीं थी कि ह

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जीवन की सबसे पछतावे वाली घटना

7 अक्टूबर 2022
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7 अक्टूबर 2022
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डिजिटलीकरण

8 अक्टूबर 2022
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वर्तमान में डिजिटलीकरण दुनिया के हर देश में बहुत ही तीव्र गति से हो रहा है।दुनिया का हर देश इसके विकास के लिए बहुत प्रयास कर रहा है। वह चाहता है कि मेरे देश का हर नागरिक डिजीटलीकरण में भूमिका निभाये।इ

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आधुनिक जीवनशैली

9 अक्टूबर 2022
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मनुष्य के जीवन जीने की कला बहुत ही बिगड़ती जा रही है।समय के साथ मनुष्य ने अपनी जीवन शैली को परिवर्तन कर गया है।आज से बीस साल पहले देखा जाये तो मनुष्य के जीवन की शैली बहुत शानदार थी।वह मेहनत करने का आद

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मेरे आंगन की शोभा है बेटियां

10 अक्टूबर 2022
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मेरे घर के आंगन में, हंसती-खेलती सी घूमती थी।मेरे मन को देती अतीव खुशियां,उसकी हर मुस्कान एक संदेश देती थी।।उसने मांगा ना कभी कुछ मुझसे,अपनी जिंदगी के लिए।मुझे हर खुशी दी हर वक्त,मेरे हर सफर के ल

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लैंगिक सशक्तिकरण

11 अक्टूबर 2022
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तुम अपनी सोच से कितने हीन हो?व्याकुल रहते हो बहुत जब जन बेटे विहीन हों?वधु चाहिए जैसे इन्द्र की हो परी।भ्रुण में बेटी देखकर तू डरी ।यह ना समझी तू मैं भी किसी की बेटी थी।आज मां तेरी सोचती,तेरे लिए यह द

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तेरे अंदर का कलाकार

13 अक्टूबर 2022
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हे मनुज! तू अपने आप में दुनिया के जन से श्रेष्ठ है।है असीम शक्ति तेरे अंदर पहचान इसको यथेष्ठ है।।जो किरदार निभा रहा जीवन का यह दुनिया से‌ अलग है।तेरे अंदर की कलाकारी जो हर मानव से अलग है।।शौहरत और सीर

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करवा चौथ

13 अक्टूबर 2022
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भारतीय नारी के लिए करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। उसके लिए यह दिन एक सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक होता है। भारतीय नारी अपने पति को हमेशा परमेश्वर का रूप समझती है और इस दिन वह अपने पति

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डाॅ ए पी जे अब्दुल कलाम

15 अक्टूबर 2022
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गगन के चमकते सितारे ,जो दुनिया में नाम कर गये।इंसानियत की बांटते सौगात,हर मनुष्य के दिल मे घर कर गये।कभी ना घमंड किया,धरा से उठकर गगन में उड़ गए।याद करेगी दुनिया सदैव उन्हें,हमें इतनी खुशियां दान कर ग

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प्रेत और आत्मा

16 अक्टूबर 2022
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प्रेत और आत्मा का संबंध मनुष्य की अंतिम अवस्था से होता है। अर्थात सीधा सा अर्थ मृतात्मा को जिसका साक्षात या वास्तविक रूप में अस्तित्व खत्म हो चुका हो।मनुष्य के जीवन में जब अंतिम अवस्था आती है तो वह प्

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मेरा पहला दिन

17 अक्टूबर 2022
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जीवन के नए अहसास का , नया मेरा अंदाज था ।  मेरा कार्यदिवस का पहला दिन , मेरे लिए अति खास था ।  उम्मीदें थी मन मैं  मेरे , कुछ अपने और देश को कर के दिखाऊँ । ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से , ज़िम्

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आनलाइन शॉपिंग बनाम पारंपरिक खरीददारी

18 अक्टूबर 2022
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मनुष्य की जिंदगी में आलस्य बढ़ रहा है,आनलाइन जीवन से हर जगह कदम थम रहा है।।अलग सा उत्साह और उमंग होती थी,जब बाजारों की ओर निकलते थे लोग।मिल जाते थे पुराने और नये दोस्त, प्रसन्न हो गले मिलते थे लो

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पारिवारिक विरासत

19 अक्टूबर 2022
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मैं इस संभाल के रखूं।यह मेरे पूर्वजों का आशीर्वाद हैसात पीढ़ियों के सफर में,पीढ़ी दर पीढ़ी की विसात है।जन्म से मैं देखा और सीखा,भावनाओं के मंजर को।नही घौंपने दूंगा यहां पर ,दुर्गुणों के खंजर को।जिस वि

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सकारात्मक बनकर जिएं

20 अक्टूबर 2022
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मुर्दें में सांसें आने लगती है,।सकारात्मक विचारों की अहमियत है।मनुष्य विचारों से चलता है।मनुष्य की सोच उसकी कीमत है।विचार ना होते जीवन में,असफल व्यक्ति कभी खड़ा नहीं होता।चुनौतियों से हार मानकर,जीवन म

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त्यौहारों की अविस्मरणीय यादें

21 अक्टूबर 2022
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वे यादें मैं अभी भूला नही,त्यौहारों की खुशियां महकती थी।एक खिलते हुए फूलों के बाग की तरहमन में जोश और उत्साह बन उबलती थी।।हर मनुज महीनों पहले रंग में रंग जाता,इंतजार में उसे बैचेनी सी रहती थी।जिनसे नह

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दूरस्थ शिक्षा

22 अक्टूबर 2022
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कहीं भी कभी भी शिक्षा का यह विस्तार है।बिना किसी अडचन के मिले शिक्षा का यह सार है।।गम नहीं होता अगर होती है दूरस्थ शिक्षा।घर रहकर पढो पढ़कर करो उत्तीर्ण परीक्षा।।शिक्षा किसी तरह लो मनुष्य के जीवन की श

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दीपोत्सव

23 अक्टूबर 2022
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हर मनुष्य की जिंदगी में तम हो दूर ,हर घर में हो खुशियां भरपूर।सत्य, भाईचारा,अपनापन फैले हर तरफ,हर मनुष्य के चेहरे पर बिखरे नूर।।मिल-बांटकर खाने की प्रेरणा हमें देता है,तम में उजाला फैलाने का संद

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आओ हम दीवाली मनाएं

24 अक्टूबर 2022
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बाहर के दीपों के सम , हम दिल में प्रेम के दीप जलाएं। जीवन का मिट जाये अंधकार, ज्ञान प्रकाश से हम जगमगाए।। द्वेष, दंभ,मद ,लोभ, मोह, क्रोध हो हमारे जीवन से दूर। प्रेम,समता,करूणा,दया, हमें मिले जीवन में

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व्यसन

25 अक्टूबर 2022
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व्यसन है मनुज के दुर्गुण,जो मानव का नुक़सान करें।तन-मन विचलित करते हैं जन का,जीवन पथ में व्यवधान बनें।।गुटखा,बीड़ी और मदिरा,मानव का तन चूस रहे।टी.बी. कैंसर और सिलिकोसिस,बीमारी वरदान में दे रहे।।तन को

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भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण

26 अक्टूबर 2022
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जहर घोल रहे हवा में,बढ़ते हुए उद्योग।बढ़ती जनसंख्या कर रही,अधिक वाहन का उपयोग ।।खुलेआम जल रही पराली,रोकथाम से डर नहीं लगता।हानिकारक धुंआ निकलकर ,प्रदूषण को न्यौता देता।।कूड़ेदान बने हैं फिर भी,खुलेआम

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क्या सोशल मीडिया समाज का धुर्वीकरण कर रहा है

27 अक्टूबर 2022
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किसी भी चीज के दो पहलू होते हैं।एक अच्छा और एक बुराइस तरह सोशल मीडिया की बात करें तो वह समाज का धुर्वीकरण नहीं कर रहा है क्योंकि सोशल मीडिया के द्वारा एक शोषित आदमी,जाति या एक वर्ग की आवाज उसके

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भ्रामक खबरें:-समाज के लिए जहर

29 अक्टूबर 2022
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समाज के कुछ गद्दार यहां,झूठी खबरें बांट रहे।छुपे हुए हैं देश में दरिंदें,जो दीमक बनकर चाट रहे।।जाति, धर्म की आड़ में, लोगों को भ्रमित करते हैं।देश के सच्चे सपूत यहां,सीने की आग उगलते हैं।।आगे लगा देते

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सूर्य की उपासना

30 अक्टूबर 2022
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वंदन है कर जोड़ तुम्हें,नमन करूं हम शीश नवाएं नव जीवन में नव ऊर्जा,नई सुबह में निशदिन पाएं।।तन मन धन सब अर्पण कर,करूं अराधना निश्छल मन से।जीवन के सब द्वेष दूर हो,यही कामना स्वामी तुमसे।।तेजस्वी,

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राष्ट्रीय एकता दिवस

31 अक्टूबर 2022
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शुभकामनाएं है सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की।दुनिया सारी जानती है कहानी भारत के एकता यश की।।पंथनिरपेक्ष राज्य है हमारा,सभी धर्म समान यहां।विविधता में एकता है जानता है ये सारा जहां।।जाति धर्म का भेद भुल

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मेरा पहला दिन

9 नवम्बर 2022
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जीवन के नए अहसास का , नया मेरा अंदाज था ।  मेरा कार्यदिवस का पहला दिन , मेरे लिए अति खास था ।  उम्मीदें थी मन मैं  मेरे , कुछ अपने और देश को कर के दिखाऊँ । ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से , ज़िम्मेदारी प

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