ऐसी भी क्या ख़ता हुई हमसे जो आप इतने दूर हो गये,
ख़ुद को आपसे ज़ुदा करने को हम कितने मज़बूर हो गये,
हम तो चाहते थे आपका ताउम्र साथ निभाना ऐ हमसफ़र,
लेकिन आपके इंकार से हमारे सारे अरमाँ चूर-चूर हो गये।।
18 अगस्त 2022
ऐसी भी क्या ख़ता हुई हमसे जो आप इतने दूर हो गये,
ख़ुद को आपसे ज़ुदा करने को हम कितने मज़बूर हो गये,
हम तो चाहते थे आपका ताउम्र साथ निभाना ऐ हमसफ़र,
लेकिन आपके इंकार से हमारे सारे अरमाँ चूर-चूर हो गये।।