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अकरोमा

13 अक्टूबर 2021

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राक्षस राज अकरोमा 


    अकरोमा की मां एक जलपरी थी। अकरोमा ने दो हजार साल तक घने जंगलों में कठोर तपस्या की। अकरोमा की जटाएं और दाढ़ी - मूंछ पैरों तक बढ़ गये। सारे शरीर पर दीमक की बांबी चढ़ गई। आखिर ब्रह्मा जी अकरोमा राक्षस की कठोर तपस्या से खुश हो गये। ब्रह्मा जी प्रकट हुए और बोले वत्स उठो तुम्हें क्या चाहिए? अकरोमा दीपक की बांबी को तोड़ता हुआ बाहर आया और बोला पितामह मुझे तीन वरदान चाहिए।


1- इच्छा मृत्यु 


2-अजेय व अमर रहूं


3- अकूत सैन्य बल व अकूत धनसंपदा 


   ब्रह्माजी बोले तथास्तु और अंतर्ध्यान हो गये।अकरोमा ने पास बह रही नदी में 2000 साल बाद जी भर कर स्नान किया और फल - फूल खाकर अपनी क्षुधा शांत की।


   इसके बाद अकरोमा ने जंगल से कुछ लकड़ियां तोड़ी और बड़ा सा गट्ठा बनाकर निकट के शहर में आया। लकड़ियां बेचकर उसने कुछ धन इकट्ठा किया।



और इससे कुछ सुंदर आधुनिक वस्त्र खरीदे और नाई की दुकान में जाकर अपने बाल और दाढ़ी - मूँछ बनवाये।



    वह जंगल में एक सुंदर कुटिया बनाकर रहने लगा। लकडियाँ बेचकर उसने सभी गृहोपयोगी वस्तुएं खरीदी। व धीरे - धीरे एक संपन्न व्यक्ति बन गया।


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   उसे देख - देख कर कुछ अन्य लोग भी वहां बस गए। थोड़े ही दिन में वहां एक गांव बन गया। अकरोमा को गांव का मुखिया बना दिया गया। कुछ वर्षों में गांव एक शहर बन गया। अब अकरोमा उस शहर का राजा बन गया।


   धीरे-धीरे ब्रह्मा जी के वरदान के कारण अकरोमा दानव के पास अकूत धन व अकूत सैन्य हो गया।अब अकरोमा ने संपूर्ण पाताल देश को जीत लिया। और पाताल का दैत्य सम्राट बन गया। अकरोमा दैत्य सम्राट महाबली का वंशज था। अकरोमा ने पाताल देश को धन - संपन्न और शक्तिशाली बना दिया। अकरोमा धर्म - पूर्वक पाताल देश में राज्य करने लगा।   






     असुर राज मुष्टिक ने पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था। उसकी सेनाएं मानवों का वध व भक्षण कर रही थी।


   उसकी सेना की एक बटालियन एक गांव सरजू पुरा गांव का घेरा डाली हुई थी। इस बटालियन का अध्यक्ष था सुपर्ण, जो कि एक क्रूर नायक था। उसने कुछ वर्ष पहले आतंकवादियों से आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी। सुपर्ण ने सारे गांव को जीत लिया. सारे गांव के लोग एक लाइन में खड़े थे. सुपर्ण ने आदेश दिया कि इनमें से 18 से 25 वर्ष की खूबसूरत लड़कियों को अलग करो. और शेष लोगों का वध कर दो. इन खूबसूरत 20-25 लड़कियों को लेकर व बाकी सब को मार कर यह दल आगे बढ़ चला.


    सुपर्ण ने इसी तरह कई गांवों को खत्म कर दिया और एक बड़े गुप्त स्थान पर इन खूबसूरत लड़कियों को कैद कर लिया लिया.


    लीजिये महाराज मुष्टिक इन लड़कियों को मिलाकर कुल एक लाख लड़कियां हो गई हैं. अब आप अपना यज्ञ शुरू कर सकते हैं.


    ठीक है सुपर्ण, मुष्टिक बोला लेकिन अब मुझे एक वह अंतिम राजकुमारी चाहिए जो पद्मनी हो.   







   सोमेश एक 6 फुटा शक्तिशाली शरीर का गोरा - चिट्टा व्यक्ति है. वह खरबपति बिजनेसमैन है. वह अक्सर अपने पर्सनल एरोप्लेन से दुनिया का चक्कर लगाता रहता है.


  आज वह प्रशांत महासागर के ऊपर अपने प्लेन से उड़ रहा है. अचानक उसके प्लेन के इंजन में गड़बड़ी आ गई. पायलट ने इमरजेंसी में एक वीरान से नजर आ रहे द्वीप के समुद्र तट पर लैंडिंग की. प्लेन द्वीप के तट के निकट समुद्र में गिर गया. सोमेश की आंखों के सामने अंधेरा छा गया.


   जब सोमेश की आंखें खुली तो उसने देखा कि वह एक साफ - सुथरी झोपड़ी में लेटा है. अचानक उसे अंजान सी भाषा में कुछ हर्ष मिश्रित आवाजें सुनाई दी. उसने देखा कि लगभग 5.5 फीट लंबे गठीले शरीर वाले गोरे - चिट्टे दो-तीन स्त्री - पुरुष उसकी झोपड़ी में उसके चारों तरफ खड़े हैं. इन लोगों के शरीर पर जानवरों की खाल के वस्त्र हैं. तथा उन्होंने लंबे - लंबे चमचमाते बरछे ले रखे हैं.


   सोमेश को होश में आया देख एक स्त्री तेजी से झोपड़ी से बाहर दौड़ी.
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रचनाएँ
जलपरी और वृक्ष मानव भाग 1
5.0
यह बहुत सुंदर पुस्तक है.

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