मुझे शायरी लेखन में काफी रूचि हैं!
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सादगी
ख़ामोशी की जुबान, अगर दो बात कहूँ तो सुन लेना, इन झुकी निगाहों से देखूं तो नज़र तुम चुन लेना, पागल दुनिया बोलेगी पर बात मेरी तुम लेना,सामने शायद ही आऊँ पर फिर भी तुम मेरी धुन लेना।