ख़ामोशी की जुबान, अगर दो बात कहूँ तो सुन लेना,
इन झुकी निगाहों से देखूं तो नज़र तुम चुन लेना,
पागल दुनिया बोलेगी पर बात मेरी तुम लेना,
सामने शायद ही आऊँ पर फिर भी तुम मेरी धुन लेना।
20 अक्टूबर 2015
ख़ामोशी की जुबान, अगर दो बात कहूँ तो सुन लेना,
इन झुकी निगाहों से देखूं तो नज़र तुम चुन लेना,
पागल दुनिया बोलेगी पर बात मेरी तुम लेना,
सामने शायद ही आऊँ पर फिर भी तुम मेरी धुन लेना।
सरल सुन्दर जुबां |
20 अक्टूबर 2015
'दो बात कहूँ तो सुन लेना'......बहुत खूब !
20 अक्टूबर 2015