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ख़ामोशी की जुबान!

20 अक्टूबर 2015

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ख़ामोशी की जुबान, अगर दो बात कहूँ तो सुन लेना,

इन झुकी  निगाहों से देखूं तो नज़र तुम चुन लेना,

पागल दुनिया बोलेगी पर बात मेरी तुम लेना,

सामने शायद ही आऊँ पर फिर भी तुम मेरी धुन लेना।

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

सरल सुन्दर जुबां |

20 अक्टूबर 2015

अमृतांशु

अमृतांशु

धन्यवाद ओम प्रकाश जी!

20 अक्टूबर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

'दो बात कहूँ तो सुन लेना'......बहुत खूब !

20 अक्टूबर 2015

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