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डॉ अन्नपूर्णा बाजपेयी के बारे में

मैं साहित्यिक जगत की एक अदना सी सदस्य हूँ, कलम की बहुत छोटी सी सिपाही।सपने थोड़ा बड़े हैं आशा करती हूं कि इस प्लेटफॉर्म पर मेरे सपनों को उड़ान मिलेगी। मैं ब्लॉगर, युट्यूबर, स्वतंत्र लेखिका व समाज सेविका भी हूँ। मैं साहित्य की गद्य एवम पद्य दोनों विधाओं में लिखती हूँ। आलेख , कहानियां, व छन्दोबद्ध रचनाएँ लिखती हूँ । 12 वर्षों से साहित्य की सेवा कर रही हूँ। 3 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं 2 प्रकाशन के लिए तैयार हैं । कई पुस्तकों का संपादन भी किया है , 25 से अधिक साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित हैं । इस प्लेटफॉर्म पर कुछ नया सीखने को मिलेगा इस आशा के साथ पटल पर आयी हूँ ।

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पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-12-15

डॉ अन्नपूर्णा बाजपेयी की पुस्तकें

डॉ अन्नपूर्णा बाजपेयी के लेख

लघुकथा - गले की फाँस

16 दिसम्बर 2022
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लघुकथा - गले की फाँस" सुनते हो ! ऑफिस जाने से पहले तीन हजार रुपये ए टी एम से निकाल कर दे जाना!" रसोईघर से लगभग चिल्लाते हुए सुरेखा ने अपने पति नीरज से कहा ।"क्यों?" चौंकते हुए नीरज ने पूछा ।"अभी परसों

एकाकी - कहानी

14 दिसम्बर 2022
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एकाकीकौशल्या जी को गुजरे अभी दस दिन भी न हुए थे कि उनके तीनों बच्चों मे उनकी चीजों को लेकर झगड़ा आरंभ हो गया। जैसा कि अधिकतर घरों मे होता है कि घर के स्वामी या स्वामिनी का महाप्रयाण हुआ नहीं कि संपत्ति

मजदूरी - कहानी

21 नवम्बर 2022
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मजदूरी “ बापू ! बापू ! क्या आज भी आप काम पर नहीं जाएंगे ? क्या हम आज फिर से भूखे ही रहेंगे ?” नन्ही सोना ने मचलते हुये अपने पिता नन्हकू से प्रश्न किया । नन्हकू दिहाड़ी मजदूर था । अभी भी अपनी टूट

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