मानव आदि काल से ही नशीली वस्तुओं का उपयोग कर रहा है। और इन नशीली वस्तुओं का आज भी उपयोग किया जाता है। विज्ञान की नई-नई तकनीकों के कारण बदलते समय में नई-नई नशीली वस्तुओं को बनाया जा रहा है, जो हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक साबित होती हैं। इन नई नशीली वस्तुओं में शराब, तंबाकू, भांग, अफीम, कैफीन, हेरोइन, हशीश, निकोटिन, बीड़ी, गुटका, चरस, सुल्फा, ब्राउन शुगर, और काली नागनी होती हैं। इन नशीली वस्तुओं से मारक असर भी दिखने को मिलते हैं। यह नशीली वस्तुएं मानव शरीर को रोगग्रस्त बनाती हैं। यह नशीली वस्तुएं हंसते-खेलते इंसान को हमेशा के लिए सुला देती हैं। नशे में डूबा मानव न सिर्फ खुद को दुख देता है, बल्कि अपने परिवार वालों और समाज के लिए भी भारी पड़ता है। नशे में डूबा इंसान का समाज में रहना भी सिरदर्दी का कारण बन जाता है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति दूसरों की सहायता तो क्या कर सकता है, बल्कि वह तो अपने अच्छे-बुरे का भी सोच नहीं सकता है। नशीली वस्तुएं इंसान के शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। यह वस्तुएं इंसान की मांसपेशियों, दिल, खून, और फेफड़ों आदि को कई प्रकार के रोग लगाती हैं। इनके कारण व्यक्ति की ज्ञान शक्ति, सोच शक्ति, पाचन शक्ति को भी रोग लग जाते हैं।
नशीली वस्तुओं में तेजाबी अंश बहुत ज्यादा मात्रा में होते हैं, जिसके कारण मानव की पाचन क्रिया पर ज्यादा असर पड़ता है। इन तेजाबी अंशों के कारण मानव शरीर के मेहद्धे की काम करने की शक्ति कम हो जाती है, और इससे पेट के बहुत से रोग पैदा होते हैं।
नशीली वस्तुओं का सेवन करने से व्यक्ति का तापमान आम व्यक्ति के तापमान से 1.8 सेंटीग्रेड कम हो जाता है। और तापमान के कम हो जाने के कारण कई बार महाधमनी में अचानक खून की रुकावट आ जाती है। इनका सेवन करने से मानव की सोचने की शक्ति पर असर पड़ता है, जिसके कारण मानव अपने आप पर काबू नहीं कर पाता और वह अपना अच्छा-बुरा नहीं सोच सकता।
इन सभी को मद्देनजर रखते हुए, हर वर्ष 31 मई को तंबाकू मुक्त दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से लोगों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाता है। तंबाकू के सेवन से कई नामुराद और लाइलाज बीमारियां लग जाती हैं।