23 मई 2023 को भारत में विमुद्रीकरण किया गया है। इससे सात वर्ष पहले भी भारत में विमुद्रीकरण किया गया था। पहले हम यह जान लें कि विमुद्रीकरण क्या होता है। विमुद्रीकरण (यानि नोट बंदी) एक आर्थिक गतिविधि है जिसके आधार पर सरकार पुरानी मुद्रा को बंद कर देती है और इसके बदले नई मुद्रा को जारी कर देती है। ऐसा सरकार तब करती है जब यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन जाता है और जब काला धन बढ़ जाता है। तो इस समस्या को दूर करने के लिए विमुद्रीकरण किया जाता है। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोट बंदी का ऐलान किया गया था। नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। इसके बदले 500 के नए नोट जारी कर दिए गए थे। इसके उलट 1000 का नोट बिल्कुल बंद कर दिया गया था और 1000 के नोट के बदले 2000 का नोट जारी किया गया था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को एक अहम फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला किया है। 2000 रुपये के नोटों के सर्कुलेशन से बाहर होने के बाद भी यह नोट वैध रहेंगे। आरबीआई के अनुसार, 30 सितंबर 2023 तक इन्हें बैंकों में जमा कराया जा सकता है, और नोटों की बदली की जा सकती है। 2000 रुपये के नोट के बंद होने की खबर आते ही लोग परेशान होकर बाजार पहुंचने लगे। दुकानों पर ऐसे लोगों की भीड़ बढ़ने लगी जिनके पास 2000 रुपये के नोट हैं। परेशान कारोबारी ने नोट लेने से मना कर दिया।
बैंकों में एक बार में 2000 के 10 नोट बदले जा सकेंगे। इस प्रकार 20 हजार रुपये तक के 2000 के नोटों के बदले छोटे नोट लिए जा सकेंगे। 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सभी बैंकों में मिलेगी। यह काम 23 मई से शुरू होगा। नोट बदलने के लिए बैंक खाता जरूरी नहीं है। बैंक जाकर कोई भी व्यक्ति ये नोट बदल सकता है। नोट बदलने के लिए चार माह का समय दिया गया है। इसके लिए 30 सितंबर तक समय है, इस दौरान नोट बैंक में जमा कराने ही होंगे। अगर कोई बैंक नोट जमा करने या बदलने से मना कर दे तो बैंकिंग लोकपाल या आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर शिकायत कर सकते हैं।
नोटबंदी के बाद नवंबर 2016 में ये नोट जारी किए गए लेकिन धीरे-धीरे इनका चलन कम होने लगा था।
1. एटीएम ने भी कई साल पहले से ही 2000 के नोट देना बंद कर दिया।
2. जिन लोगों ने बैंक में ये नोट दिए, उन नोटों को रिजर्व बैंक ने वापस नहीं आने दिया।
3. 2019 में ही 2000 के नए नोट जारी करना बंद कर दिया था।