राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1998 को भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण की एक श्रृंखला को अंजाम दिया था और एक बड़ी तकनीकी सफलता को हासिल किया था। हर वर्ष 11 मई को पूरे देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष इस दिन को आधिकारिक रूप से भारत के वैज्ञानिकों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाता है। इस दिवस को भारत की तकनीकी प्रगति की उपलब्धि के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को इस दिन इस लिए मनाया जाता है क्योंकि 11 मई 1998 को देश के पोखरण में परमाणु हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। 1998 में परमाणु परीक्षण की एक श्रृंखला को अंजाम देकर बड़ी तकनीकी सफलता को हासिल किया गया था। 11 मई को पहले स्वदेशी विमान हंसा-3 का परीक्षण किया गया। इस दिन ही भारत त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। तकनीकी प्रगति को मद्देनजर रखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने 11 मई को हर वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का ऐलान किया। आज टेक्नोलॉजी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है। इसका महत्व विज्ञान में ही नहीं बल्कि एक देश को आगे बढ़ाने का साधन है। आज हर व्यक्ति किस न किस तरह से हर विकसित और विकासशील देश अपने-अपने परमाणु परीक्षण कर अपनी शक्तियों से दुनिया का सामना करा रहा है। उसी प्रकार भारत भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाकर अपने वैज्ञानिकों एवं कार्यों का मान-सम्मान प्रदान कर रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 मई 2023 को यानी कि आज सुबह 10:30 बजे प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के समारोह का प्रतीक होगा, जो 11 मई से 14 मई तक आयोजित होगा। नरेंद्र मोदी इस अवसर पर देश में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति से जुड़ी 5800 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, उनमें से हैं लेजर इंटरफेरॉन मीटर शेविटेंशनल वेव आब्जर्वेटरी इंडिया (एल. आई. जी. ओ इंडिया), हिंगोली, होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान अस्पताल के मुंबई के प्लैटिनम जुबली ब्लॉक।