रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। रामधारी सिंह जी का जन्म 23 सितम्बर 1908 ई. में बिहार के बेगुसराय जिले के छोटे से गांव सिमरिया में हुआ था। रामधारी सिंह जी के पिता का नाम बाबू रवि सिंह और माता का नाम मनरूप देवी था। उन्होंने मोकामा घाट के विद्यालय में आरंभिक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में ही कविताएँ और रचनाएँ लिखनी शुरू कर दी थीं।
रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा पहली रचना 'रेणुका' प्रकाशित की गई थी। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'कुरुक्षेत्र', 'उर्वशी', 'रश्मिरथी', 'चक्रव्यूह', 'संस्कृति के चार अध्याय', 'लोकदेव नेहरू' आदि प्रमुख हैं। उनकी कई कविताएँ जैसे 'हिमालय', 'अरुणोदय', 'तक़दीर का बँटवारा', 'आग की भीख', 'दिल्ली', 'जवानी का झंडा', 'वसंत के नाम पर' आदि लिखी गई हैं। सन 1959 ई. में रामधारी सिंह को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1959 ई. में ही उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1972 ई. में उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 24 अप्रैल 1974 ई. में 65 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।