सेंट्रल विस्टा उसे कहते हैं जो दिल्ली में स्थित इंडिया गेट से लेकर जो रास्ता राष्ट्रपति भवन तक जाता है। इसे सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है। इस इलाके में राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया और अन्य ऑफिस आते हैं। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी, जब भारत देश कोरोना की बीमारी से जूझ रहा था। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बीस हजार करोड़ रुपए की लागत से 10 नए भवनों का निर्माण जारी है। इसमें नया संसद भवन, एमपी ऑफिस, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए नया आवास बनाया जा रहा है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण की जिम्मेदारी टाटा समूह की कंस्ट्रक्शन कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिली है। टाटा को यह प्रोजेक्ट 861 करोड़ रुपए में मिला है। नया संसद भवन 64,500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। इस इलाके में बने भवनों को 100 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं। सालों पुराने बने इन भवनों के निर्माण का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को पूरी तरह से 2026 तक पूरा किया जाएगा।