सत्यनारायण के नाम में ही उद्देश्य छिपा हुआ है। अर्थात सत्य ही नारायण हैं या नारायण ही सत्य हैं। इसका तात्पर्य क्या हुआ। आईये थोड़ा विचार करते हैं। प्रथम भाव को यदि लें। सत्य ही नारायण हैं।
मॉ के गर्भ में नौ माह का किया सफर,मिला मुझे मॉ का सबसे पहले प्यारजन्म लेते ही रोने से हुई पहली बातनाल में लिपटकर आये खाली हाथ। पहली बार रोते ही मॉ ने खुशी जतायीउसके बाद बच्चे के रोने पर खुद रोयीम
खाली दिमाग शैतान का घर होता है। यह कहावत संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके कर्ताधर्ताओं पर पूर्ण रूप से चरितार्थ होती है। क्योंकि वह प्रत्येक दिन को किसी न किसी विशे
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के इस दिन,सब मिलकर मनाएं शांति का संकल्प फिर से।हर देश के लोग, हर जगह पर,समझें शांति का महत्व सारे।युद्धों का समापन हो, दुर्भाग्य दूर,मिलकर बनाएं एक नया आदर्श प्यार।साथ में चल
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस, जो कि 21 सितंबर को मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण दिन है जो विश्व भर में शांति और सुरक्षा के महत्व को मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन विशेषकर संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) द्वा
यह कहानी है एक छोटे से गांव के एक छोटे से लड़के की, जिसका नाम राजू था। राजू का सपना था कि उसका गांव हमेशा खुशहाली में रहे और लोग एक-दूसरे के साथ शांति से रहें। एक दिन, राजू ने अपने दोस्तों के साथ गां
अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर कविता: शांति की धारा, सबके दिलों को छू ले, युद्ध की आग, हम सबको दूर भगाए। हर रंग, जाति, धर्म को एक साथ लाए, सभी मिलकर, विश्व को खुशियों से भर दे। संघर्षों के बाव
विश्व के विभिन्न कोनों में, शांति की यह आवाज़ है। मिलकर बनते हैं सपने, हम सभी इसी के आसपास हैं। जब सब मिलकर मिलते हैं, समय की इस बड़ी मीठास है। हड्डियों की जगह फूल खिलते हैं, और बच्चे हँसते हैं
प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है। मानव कल्याण की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। भाषा, संस्कृति, पहनावे भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, लेकिन विश्व के कल्याण का मार्ग एक ही
हर देश शांति चाहता है चाहे वह भारत देश हो या फिर और कोई मुल्क हो लेकिन दौलत और ताकत आज के समय में दो ऐसे घातक रुपी हथियार बन चुके है जिन्हे हर कोई देश बड़े पैमाने पर पाना चाहता है और जिसके लिये वह हर स